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पारिष्ठापनिका समिति सुरक्षा

चतुर्विध संघ की पारिष्ठापनिका समिति की रक्षा के लिए मात्रु कुंडी एवं स्थण्डिल डोम का निर्माण कार्य

विहार सुरक्षा

विहार के दौरान श्रमणीवर्याओं की सुरक्षा के लिए भारतभर में कर्मचारी भेजने का कार्य

चारित्र उपकरण भक्ति

चारित्रपालन में विराधना से बचाए ऐसे चुनिंदे उपकरणों से पूज्यो की भक्ति

उष्ण जल ठंडा करने का स्टैंड

उष्णजल को शीत करने के स्टैंड का वितरण कार्य

शुद्ध पूजा के द्रव्यों की सम्प्राप्ति

पूजा में आवश्यक लेब टेस्ट द्वारा प्रमाणित शुद्धद्रव्यों की उपलब्धि का कार्य

धर्मानुष्ठान सुशोभन सामग्री की उपलब्धि

धर्म के अनुष्ठानों को जाजरमान बनाने वाली सामग्री की उपलब्धि का कार्य

उद्यापन उपकरण व्यवस्था

उद्यापनों में रखे गए उपकरणों की उचित जगह पहचानना और उपकरणों की आवश्यकता के अनुसार उद्यापन का आयोजन

अनुष्ठान आयोजन (सामूहिक दीक्षा, उपधान , वाचना श्रेणी आदि)

सामूहिक दीक्षाएँ , उपधान तप , वाचनाश्रेणी जैसे अनुष्ठानों का आयोजन

अध्यात्मशाला (बालसंस्करण पाठशाला)

बच्चो में संस्कार सिंचन के लिए रुचिकर दैनिक आयोजन

संस्कृत शिक्षण वर्ग (संशिव)

संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए विशिष्ट वर्गो का आयोजन

पाइयशाला (प्राकृत शिक्षणशाला)

प्राकृत भाषा का ज्ञान प्राप्त कराने के लिए व्यवस्था

जीवंत दृश्यावली (भावोत्पादक नाटक)

शौर्य, समर्पण एवं त्याग की भावना को उद्दीप्त करने वाले नाटकों का आयोजन

प्रभुभक्ति आदि के बेजोड़ उपकरणों का निर्माण

प्रभुभक्ति आदि में भावों की वृद्धि के लिए उपकरण बनवाने का कार्य

उत्तम भक्तिद्रव्य संशोधन

प्रभुभक्ति में आवश्यक द्रव्य, औषधियाँ आदि का गहन संशोधन

लीगल सेल : क़ानूनी मार्गदर्शन

जैन धर्म से संलग्न होने वाली लीगल बाबतों की जानकारी श्रीसंघ में प्रसारित करना

चित्र निर्माण

विविध चित्रों को बनवाकर प्रसारित करना

विविध संघो तथा आराधना भवनों का संचालन

आराधना के लिए जिनालय-उपाश्रय आदि से युक्त संकुलो का निर्माण व संचालन कार्य

संपर्क

जिनालय नवनिर्माण

अध्यात्म शिल्पशाला

कार्य प्रारंभ: वि.सं.२०७१

जैनों के स्थानांतर के कारण वे जिस नए स्थान पर जाकर बसते है वहां नूतन जिनालय आराधना के आलंबन के रूप में अनिवार्य होता है। इसीलिए तो सीहोर के राजा जब भावनगर में बसे तब उन्होंने जैन श्रेष्ठी कुंवरजीभाई माधाभाई आदि को नगर में बसने का आमंत्रण दिया। लेकिन उन श्रेष्ठियों ने कह दिया कि, "जिनालय के बिना हम नहीं आएंगे" राजा ने जिनालय की जगह दी। ऐसे तो अनेक इतिहास हैं।

इसीलिए अध्यात्म परिवार ने 'अध्यात्म शिल्पशाला' का एक विराट प्रकल्प प्रारंभ किया है। जिनालय निर्माण शास्त्रोक्त विधिपूर्वक तथा आकर्षक हो इसलिए पद्धति अनुसार योजना बनाई है, उसकी एक झलक इस प्रकार है :

1

शिल्प शास्त्रानुसारी प्लान बनाना।

2

स्तंभ, गोखले, घुम्मट आदि के आकर्षक भाववर्धक स्केच बनाना।

3

पाषाण आदि द्रव्यों की शुद्धि रखना।

4

रूपकाम मर्यादापूर्ण हो उसका ध्यान रखना।

5

पत्थर खरीदी, बांधकाम, पत्थर फिटिंग, कार्निंग आदि हर एक लेवल की देखरेख का कार्य स्वयं करना।

6

भविष्य में जिनालय की जैन स्थापत्य के रूप में पहचान बने इसलिए तीर्थंकर प्रभु आदि के जीवन प्रसंग तथा शासन-प्रभावक घटनाओं की कोरणी करना।

जिनालय पाषाण निर्माण की प्रक्रिया (कार्य प्रारंभ: वि.सं.२०७६)

अध्यात्म शिल्पशाला द्वारा करोड़ों रुपए के देवद्रव्य का रक्षण, मजबूत बंधारण और गहरी तथा आकर्षक कोरणी, ऐसे त्रिविध लाभ के लिए यह कार्य प्रारंभ किया गया है।

स्टोन ब्लॉक

यह है आरस की टनल माइन

अंबाजी माइन की खरीदी

अंबाजी माइन की एक थड़ी की खरीदी के समय खदानमलिक तथा अध्यात्म परिवार निर्माण विभाग के कार्यकर्ता।

स्टोन ब्लॉक

थड़ी की खरीद के बाद बनाया गया स्टोन ब्लॉक।

विदेशी पाषाण

मात्र अंबाजी या मकराना ही नहीं, इटली, थासोस ग्रीस, इथोपिया, ईरान आदि देशों से भी स्टोन ब्लॉक मंगवाया है।

जेसलमेर का स्टोन ब्लॉक

जैसलमेर का स्टोन ब्लॉक

जेसलमेर का स्टोन ब्लॉक

जैसलमेर का स्टोन ब्लॉक

इस स्टोन ब्लॉक को ट्रेसिंग मशीन द्वारा जरूरी नाप के प्रमाण में कटा जाता है।

उन्नत तकनीकी प्रक्रिया

CNC डायमंड वायर प्रोफाइल मशीन

CNC डायमंड वायर प्रोफाइल मशीन

पिलर निर्माण

किसी भी शेप में पिलर बनाया जा सकता है

एक्सीस प्रीफाइल मशीन

एक्सीस प्रीफाइल मशीन द्वारा कार्विंग

प्रोफाइलिंग

जैसा शेप जरूरी हो वैसी प्रोफाइलिंग हो सकती है।

इन-ले वर्क

ऐसा इन-ले वर्क भी शिल्पशाला में होता है।

मैन्युअल कार्विंग

यंत्र का काम होने के बाद इस प्रकार मैन्युअल फाइन कार्विंग आसान बन जाती है।

देलवाड़ा के मंदिर ८०० वर्ष बाद भी हमारा मन जीत लेते हैं, क्योंकि वहां बुरादे के बदले में चांदी, सोना तथा रत्न देकर गहरी गहरी कोरणी करवाई थी। छिछली कोरणी हो तो २५-५० वर्षों में पुनः घिसाई करवाने से वह कोरणी नष्ट हो जाती है।

कच्छ-रापर-गढ़वाली जिनालय कार्विंग

कच्छ-रापर- गढ़वाली के दर्शनीय जिनालय

कच्छ-रापर-गढ़वाली के दर्शनीय जिनालय की यह कार्विंग तथा प्रोफाइलिंग अध्यात्म शिल्पशाला में हो रही है।

मंदिर कार्विंग पर काम कर रहे कारीगर

श्री शांति कनक जिनालय, नानपुरा सूरत के जिनालय की कोरणी कई विशेषज्ञों के लिए आकर्षण बनी है!

मंदिर कार्विंग पर काम कर रहे कारीगर

श्री शान्तिवर्धक जिनालय-पाल, अभी तो यह निर्माणाधीन है तो भी ऐसा मन मोह लेता है तो जब पूर्ण रूप से बन जाएगा तब कैसा होगा!